शुक्रवार, 5 सितंबर 2008
श्रुति लेख #1
एक अनुमान के अनुसार हिंदुस्तान में लगभग पंद्रह सौ भाषाएँ बोली जाती हैं। यह भाषाएँ चार अलग-अलग भाषा परिवार से हैं। इस परिवार की ज्यादातर भाषाएँ आर्य भाषा परिवारों से हैं इनमें सबसे बड़ा परिवार आर्य भाषाओं का है। इस परिवार की ज्यादातर भाषाएँ संस्कृत से आई हैं। इसमें मुख्य रूप से हिन्दी, बांग्ला, उड़िया, पंजाबी, मराठी और नेपाली वगैरह हैं। दूसरा बड़ा परिवार द्रविड़ भाषाओं का है। इनमें बड़ी भाषाएँ तमिल तेलुगु, कन्नड़, और मलयालम हैं। भारतीय भाषाओं का तीसरा परिवार ऑस्ट्रो-एशियाई परिवार है। इसकी ज्यादातर भाषाएँ भारत के आदिवासी क्षेत्रों – झारखंड, उड़ीसा, और छत्तीसगढ़ के इलाक़ों में बोली जाती हैं। इनमें संथाली और हो बड़ी भाषाएँ हैं। चौथा परिवार तिब्बती-बर्मी भाषाओं का परिवार है। ये ज्यादातर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में बोली जाती हैं। इनमें नगा सबसे बड़ी भाषा है। इसके अलावा हिंदुस्तान पर विदेशी हुक़ुमतों की वज़ह से अरबी, फारसी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच, स्पैनिश, पुर्तगाली और डच भाषाओं का भी बहुत प्रभाव है।
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