सोमवार, 22 सितंबर 2008

पर्यावरण

पर्या का अर्थ प्रकृति एवं वरण का अर्थ ग्रहण करना है अर्थात जो प्रकृति प्रदत्त हमें प्राप्त हुआ है, जैसे पेड़, पौधे, जल, पहाड़, नदी, झरने आदि। उसे उसी के रूप में स्वीकार करना। परन्तु आज का मनुष्य स्वार्थवश प्रकृति प्रदत्त को समाप्त करने में लगा हुआ है। जिसके कारण मौसम में भारी बदलाव आ रहा है। हो सकता है आने वाले समय में शहर के शहर पृथ्वी के भीतर समा जाये। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति को करोड़ांे वर्षो से सहजकर रक्खा था। परन्तु दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि हम लोग 50 वर्षो में प्रकृति के साथ विध्वंसात्मक कार्यवाही निरन्तर किये चले जा रहे है जिसके दुष्परिणाम बहुत ही भयानक होगें।

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