भारत के आज़ादी के आंदोलन ने बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों को जन्म दिया। मै बिना किसी आशंका के कह सकता हूं कि उनमें से सबसे प्रभावशाली थे हमारे राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी। उनका जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को हुआ था। बृहस्पतिवार को उनके जन्म की एक सौ उनचालीसवी सालगिरह है।
गांधी जी के सम्मान मे 2 अक्तूबर भारत मे राष्ट्रीय छुट्टी होती है। शहर-शहर मे लोग ‘बापू’ और उनके आदर्शों को याद करते हैं। दिल्ली मे राजघाट पर अन्य धर्म के लोग एक साथ मिलकर पूजा करते हैं। सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकों से पाठ पढ़े जाते है।
बापू का सपना था कि हिंदु, मुसलमान, सिख, इसाई आदि धर्म के लोग भारत मे एक साथ अमन से रहें। आज़ादी के दिन उनका सपना टूट गया। आज़ादी के दिन, हिंदु और मुसलमानों के बीच दंगों के कारण सैकड़ो लोगों की जान गयी। उस दिन से हालात मे थोड़ा सुधार तो आया है, परंतु अभी भी दोनो धर्मों के लोगों के बीच तनाव की स्थिति बन जाती है। परंतु, बापू के जन्मदिन पर सब लोग अपने मतभेद भूलकर एक साथ उनके आदर्शों को याद करते हैं।
यही है हमारे राष्ट्रपिता की ताकत। उनका शरीर हमें बहुत साल पहले छोड़ गया, परंतु आज भी, केवल उनकी सोच हमारे देश को एक कर सकती है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें