मंगलवार, 7 अक्तूबर 2008

सूझ-बूझ

एक राजा के दो पुत्र थे राजा का छोटा पुत्र ज्यादा समझदार था अतः राजा छोटे पुत्र को राज्य देना चाहता था परन्तु राज्य के नियमानुसार बड़े पुत्र को राज्य मिलना चाहिए था। अतः राजा ने अपने दरबार में दोनों पुत्रों को बुलाया और दोनों को एक एक हजार रूपये देकर कहा कि तुम लोगों को एक एक हजार रूपये दिये जाते है और एक एक कमरा दिया जाता है जो कि बहुत दिनों से बन्द था और कहा कि तुम लोगों को जो एक एक हजार रूपये दिये गये हैं उससे कमरा भरना है। बड़ें पुत्र ने सोचा एक हजार रूपये मं कमरा कैसे भर सकता है सो बहुत सोचकर उसने कीचड़, गोबर से कमरा भर दिया परन्तु कीचड़ गोबर से सारे राजमहल में दुर्गन्ध फैल गई।

इधर छोटे पुत्र ने सोचा इतने कम रूपये में कैसे कमरा भरेगा सो उसने सोंचा खराब चीजों से कमरा भरना उपयुक्त नहीं है उसने मात्र एक दीपक लाकर बीचों बीच कमरे में रख कर जला दिया।

उधर दरबार में दोनों पुत्रों को बुलाया गया बड़े पुत्र का कमरा पहले देखा गया जिससे भयंकर दुर्गन्ध आ रही थी एवं जिसके कारण राजा, दरबारी, मंत्रीगण कपड़ा व नाक में रूमाल रखकर किसी तरह वहां से निकले फिर छोटे पुत्र के कमरे में गये वहां देखा कि कमरा बिल्कुल साफ सुथरा है बीच में मात्र एक दीपक रखा था जिसकी रोषनी से पूरा कमरा भरा हुआ था। सारे राज दरबारी मंत्रीगण खूब खुष हुए और दूसरे दिन छोटे पुत्र को राज्याभिषेक कर दिया गया।

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