रविवार, 26 अक्तूबर 2008

दीपावली

बचपन से ही दीपावली का त्योहार मेरा मनपसंद त्योहार रहा है। रामायण के मुताबिक इसी दिन को श्री रामचंद्र जी अपना चौदह वर्ष का बनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटे। अयोध्या के वासियों ने उनके लौटने की खुशी मे जगह-जगह दीप जलाएं। वह रात अमावस्या की रात थी, परन्तु दीपों के कारण अयोध्या के हर कोने मे रोशनी थी। इसी कारण दीपावली दीपों का त्योहार माना जाता है।
तब से यह त्योहार, प्रतिवर्ष, नवंबर या अक्तूबर मे अमावस्या की रात को मनाया जात है। लोग इस दिन को अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहन्ते हैं, अपने घरों को दीपों से उज्जवल करते हैं, और पटाखे भी जलाते हैं। हिंदू धर्म के लोग शाम को लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा भी करते हैं। माना जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा करने से साल मे धन की कोई कमी नही होगी।
ऐन आर्बर मे भारतीय छात्र संगठन प्रतिवर्ष दीपावली मनाता है। मिशिगन यूनियन के बाहर बहुत से लोग फुलझड़ियों को जलाते हैं। कुछ छात्र नाटक और संगीत का प्रदर्शन करते हैं। अंत मे सभी लोग मिलजुलकर भारतीय खाना खाते हैं। परदेस मे रहकर भारत जैसा माहौल देखकर दिल बहल जाता है।

2 टिप्‍पणियां:

कुन्नू सिंह ने कहा…

दिपावली की शूभकामनाऎं!!


शूभ दिपावली!!



- कुन्नू सिंह

Vivek Gupta ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.