शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008

मुम्बई पर हमला: भाग 1

पिछले हफ़्ते मुम्बई मे आतंकवादियों द्वारा रचे गए हमलों ने पूरी दुनिया मे हलचल मचा दी। यह भारत के इतिहास मे पहली घटना थी जहाँ आतंकवादियों ने लगातार तीन दिनों तक हमले किए। उनहोंने एक अस्पताल को, सिनेमा घर को, यहूदी मंदिर को और बड़े होटलों मे पर्यटकों और अमीर लोगों को निशाना बनाया ताकि संचार माध्यम उनपर ज़्यादा ध्यान दे, और पुरी दुनिया को उनके कारनामों की जानकारी मिले।
मुम्बई पुलिस का मानना है कि 26 नवम्बर को रात के दस बजे तकरीबन 25 आतंकवादियों ने अरब महासागर से मुम्बई मे प्रवेश किया। मुम्बई मे पाँव रखते ही उन्होंने पुलिस की गाड़ी चोरी कर ली। गाड़ी मे सवार होकर उन्होने मुम्बई पुलिस पर गोलियॉ चलाई, जिसके कारण दो वरिष्ठ अफसर और ए.टी.एस के चीफ़ मारे गए। आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी स्टेशन मे भी आम लोगों पर गोलियाँ चलाई।
जिसके पहले पुलिस इन आतंकवादियों का मकसद पता चला सकी, उन्होंने ताज, ओबराय और ट्राईडेंट होटल और नारिमन हाऊस पर कब्ज़ा कर लिया और बहुत से लोगों को बंधक ले लिया। कुछ ही समय बाद ताज होटल की सबसे ऊँची मंज़िल पर बम विस्फोट हुआ। 27 नवम्बर की सुबह के दो बजे, भारतीय थल सेना मुम्बई पहुँची ताकि आतंक्वादियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

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