विश्व में जिन सात आश्चार्यों की बात कही जाती है उनमे ताजमहल का नाम भी सम्मिलित है। प्रेम का प्रतीक आगरा का ताजमहल जिसे मुगल बादशाह शाहजहा ने मुमताज महल की याद मे बनवाया था। इमारत की परिकल्पना एवं बनावट मुगलकालीन शिल्प का एक अद्भूत नमूना है। ताजमहल आगरा में यमुना नदी के दाहिने तट पर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित ताजमहल का सौन्दर्य चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। ताजमहल पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों के साथ चकता दिखाई देता है इसके बाहर बहुत ऊचा और सुन्दर दरवाजा है। बुलन्द दरवाजे के नाम से प्रसिद्ध यह दरवाजा सुन्दर लाल पत्थरों से बना है। इसकी गिनती संसार की सुन्दर इतारतों में की जाती है।
मुमताज महल के कारण ही इसका नाम ताजमहल प्रसिद्ध हुआ। यह अपूर्व सुन्दर स्मृति भवन आगरा मे यमुना नदी के तट पर स्थित है। इसमें प्रवेश करने के लिए एक विशाल पत्थर से बने दरवाजे से होकर जाना पड़ता हे जिस पर पत्थर से कुरान शरीफ लिखी है। ताजमहल जितना भव्य दिखता है उससे कही ज्यादा खुबसूरत होती है यहा शरद पूर्णिमा की रात, दूर आसमान मे जब चादनी विखेरता चाॅद जब ताजमहल के ऊपर से गुजरता है तो लाल और हरें रंग के ये पत्थरों की आभा चांदनी रात में हीरें सी हो उठती है।
रविवार, 7 दिसंबर 2008
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