शनिवार, 21 फ़रवरी 2009

जातिवाद

दुबई में साठ प्रतिशत के लोग भारतीय हैं. दस प्रतिशत के लोग यूरोप के आनेवाले हैं और सिर्फ़ बीस प्रतिशत के लोग अरबी हैं. एस कारण दुबई में बहुत जातिवाद होती है. मुझे ये कहने में दुःख होता है की अरबी लोग गोरे लोगों का सात लेते हैं और भारतीयों से जातिवाद करते हैं. अठारह साल के लिए मैं दुबई में रहा. अरबी लोग सोलह साल की उम्र में ही गाड़ी चला सकते हैं परन्तु विदेशी लोगों को अठारह साल की उम्र के बाद ही लाइसेंस लाने का मौका मिलता है. दुबई को स्वतंत्रता मिलने के पहले ही भारतीय लोग दुबई में थे. स्वतंत्रता के पहले दुबई की मुद्रा रुपया थी. दुबई की सफलता में दुबई के भारतीयों को ज़रूर श्रेय देना चाहिए परन्तु हमें ये श्रेय नहीं मिलती है. आज की नए ज़माने में दुबई में जातिवाद कम होती जा रही और दुबई में उन्नति ज़रूर हो रही है परन्तु फ़िर भी कभी कभी स्थिति बुरी होती है.

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