26 नवंबर 2008 की रात मुंबई पे सबसे भयानक आतंकी हमले हुए। दस आतंकी ‘गेटवे ऑफ़ इंडिया पे समंदर द्वारा पहुचे। दहशत फ़ैलाने के लीये एक नाव का अपहरण करके वे लोग उधर पहुँचें । अजमल अमीर कसाब जो लश्कर-ए-तोइबा के लिये काम करता है जिंदा पकडा गया और तब से उसपर सख्त कारवाई की जा रही है। लश्कर-ए-तोइबा एक पाकिस्तानी कश्मीर का हिस्सा माना जाता है। इसको पकडते वक्त महराष्ट्र पुलिस के तुकाराम ओमब्ले को अपनी जान गवानी पडी। भारत का आर्थिक मुख्य शहर मुंबई के कई स्थलों पर इन गुंडों ने दहशत फ़ैलाया और ज्यादातर पश्चिम देशों के नागरिकों पर हमला किया। ताज महल होटल जो मुंबई की तो शान हैं को भी इन आतंकियों ने नहीं छोडा और उधर 197 लोग मर गये और 308 लोग घायल हुए। 36 घंटों से ज्यादा समय तक शहर मानो थम सा गया था और अगर एन-एस-जी के वीर जवानों ने अपनी जान दावे पर लगा के देश की सुरक्षा के लिये लढाई नहीं की होती तो और भी कयी लोग अपनी जान गवा बैठते। इस से यहीं साफ़ होता हैं की भारत अपनी सुरक्षा अभी तक नहीं कर सकता है और समय आ गया है कि आम नागरिक जाग उठे और सब से पहले अपने नेताओं को सबक सिखायें। जागो भारत जागो।
मंगलवार, 27 जनवरी 2009
मुंबई आतंकी हमले
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