गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

माँ

कल मेरी माँ का जन्मदिन था.वह दोहा, कतर में मेरे पिता के साथ रहती हैं. मिशिगन और वहाँ के समय में आठ घंटो का अन्तर है. इस समय के अन्तर के कारन बारह बजे के बदला मैंने उन्हें शाम के चार बजे फ़ोन लगाया. उनकी आवाज़ सुन के मेरे ख़याल में बहुत सारे बीते हुआ पल याद आए. मैं जब भी घर होती हूँ तोह हम बड़ी धूम-धाम से माँ का जन्मदिन मनाते थे. घर में तो अभी भी उनका जन्मदिन मनता है, पर मेरे बिना कुछ मज़ा नही आता होगा. घर से इतनी दूर रहकर घर की बहुत याद आती है. आज भी जब घर के बारे में सोचती हूँ तो मेरे दोहा छोड़ने के दिन के हवाई अड्डे का दृश्य याद आता है.मुझे अपने माँ की आंसू से भरी आँखें याद आती हैं और मेरा गिल उन्हें देखने को तड़प जाता है. मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है. हम आज भी फ़ोन पर घंटों बातें करते है. उनके हाथ का बना खाना खाने के लिए तोह मेरा जी ललचा जाता है. मैं इस अगस्त उन्हें एक साल बाद देखूंगी. अब तो मुझे बस उस दिन का इंतज़ार है जब मुझे हवाई अड्डे पर उनका हस्ता हुआ चेहरा नज़र आएगा.

2 टिप्‍पणियां:

उन्मुक्त ने कहा…

आपकी मां को जन्मदिन की बधाई।

संगीता पुरी ने कहा…

मां दूर हो तो याद तो आएगी ही.....आशा है जल्‍द ही अपनी मां का मुस्‍कराता चेहरा देखने को मिलेगा....उनको जन्‍मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।