भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था।किसी समय में यह एक सुखी-सम्पन्न देश था। हमारे तक्षशिला , नालंदा आदि प्राचीन विश्वविद्यालयों में दुनिया भर से छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिये आते थे । परन्तु हज़ारों वर्षों के विदेशी आक्रमण , शासन व विदेशी गुलामी जैसी स्थितियों के कारण आज हमारे राष्ट्र के सामने कई समस्याएँ हैं। स्वतन्त्रता मिलनें के पश्चात इन समस्याओं से हम लगातार झूझ रहे हैं तथा इनको सुलझानें में पिछले कुछ वर्षों में तीव्रता तो आई है परन्तु हम अभी भी एक विकासशील देश हैं, विकसित नहीं । भारत यदि अपनी कुछ मूल समस्याओं को शीघ्र दूर करने का प्रयत्न करे तो अगले 20 वर्षों में वह अवश्य ही एक विकसित राष्ट्र बन सकता है ।
अशिक्षा, बढ़ती-आबादी, धार्मिक झगड़े व गरीबी सभी समस्याओं की जड़ हैं। हमारे देश में भ्रष्टाचार भी सभी सीमाएँ लाँघ चुका है । एक विकसित देश बनने के लिये सामूहिक प्रयत्नों की ज़रूरत है । जब सब लोग निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र के विकास की चिन्ता करेंगे तो उन्नति को कोई नहीं रोक सकता। ज़रूरत है केवल राष्ट्र की सोती चेतना को जगाने की । हमारे देश के किसान , मज़दूर , व्यवसायी, कला क्षेत्र से जुड़े लोग, बुद्धीजीवी तथा हर क्षेत्र के तकनीकी विशेषज्ञ बहुत मेहनती व कुशल हैं ।इनकी वजह से आज देश का वृद्धि-दर 7 से 8% सालाना है । यदि यह दर करीब 10% पहुँच जाये तो हमारा राष्ट्र अगले 20 सालों में एक विकसित देश ज़रूर बनेगा।
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1 टिप्पणी:
agar india ko bhagat sing ke raste aajadi milti toh aj india ki kistmat kuch aur hoti...
http://hi.shvoong.com/social-sciences/political-science/1708028-%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%A4-%E0%A4%B8-%E0%A4%B9-vs-%E0%A4%97/
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