व्यायाम मानव देह को स्वस्थ रखने का एक अत्यन्त आवश्यक उपाय है। दौड़, दंड-बैठक, सैर ,कुश्ती , जिम्नैस्टिक , हौकी, क्रिकेट, टेनिस आदि खेल व्यायाम के ही कई रूप हैं । व्यायाम ऐसी क्रिया का नाम है जिससे देह में हरकत हो , देह की हर एक नस-नाड़ी, एक-एक सैल क्रिया में आ जाये ।जिस समय हम व्यायाम करते हैं उस समय हमारी देह के अंग ऐसी चेष्टा करते हैं, जिसमें हमें आनन्द भी मिलता है और श्रम भी होता है। इससे हमारे शरीर का हर अंग स्वस्थ रहता है। जब हम व्यायाम करते हैं तो हम अंगों को हिलाते-डुलाते हैं , उससे हमारे हृदय और फेफड़ों को अधिक काम करना पड़ता जिसके फलस्वरूप हमारी एक-एक सांस शुद्ध हो जाती है, हमारे रक्त की एक-एक बूँद स्वच्छ हो जाती है ।
मस्तिष्क का काम करने वाले मानवों को व्यायाम अवश्य ही करना चाहिये , क्योंकि देह से श्रम करके रोटी कमाने वालों के अंगों को तो हरकत करने का अवसर फिर भी मिल जाता है किन्तु अध्यापक , डाक्टर, वकील , कम्पयूटर-ओपरेटर आदि लोगों के लिये व्यायाम अत्यन्त आवश्यक है।
व्यायाम से देह सुन्दर हो जाती है और उसकी रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है। हाँ बहुत अधिक व्यायाम से हानि भी हो सकती है । आप जब थक जायें तब आपको व्यायाम करना बन्द कर देना चाहिये ।
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