कल 20-20 विश्व युद्घ क्रिकेट फ़ाइनल था।यह मॅच भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था। ऐसे भी भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का खेल कोई महायुद्घ से कम नहीं होता है।दोनों टीमों ने वेस्ट इन्डीज़ में खेले गये विश्व कप में बहुत खराब प्रदषण किया था और इसीलिये उन्हें यह 20 ओवर वाली गेम जितने का बडा ख्वाब था। में यह मॅच देखने के लिये अपने दोस्त के वहा गया था जिधर हम 10-12 हिन्दुस्तानी और उतने ही पाकिस्तानी एक दुसरे की टीम को बढावा दे रहे थे।भारत ने 157 रन्स बनाये थे जो सबको बहुत कम रन लगे।परन्तु भारत के गेन्दबाज़ों ने मानो कमाल कर दिखाया और पाकिस्तान उनके 15 ओवर बाद बहुत ही खराब दशा में सात विकेट खो कर बैठे थे। हमारे पाकिस्तानी दोस्तों ने अपने ही टीम पर भरोसा छोड दिया।परन्तु तभी बिस्मह उल हाक जो पाकिस्तानी बल्लेबाज़ है और उसने 5 गेन्दो में चार छक्के उठा लिये और पाकिस्तान में नयी जान डालदी। हम हिन्दुस्तानी जो भारत का झन्डा ले कर गये थे शर्म से उसे फ़ैलाना ही बन्द कर दिया था।मॅच अन्तिम ओवर तक चला गया। इस ओवर में पकिस्तान को बारह रन चाहिए थे और उन्होने दुसरे गेन्द पर ही छक्का मार दिया। हमें लगा कि भारत अब तो हार ही गयी परन्तु अगले ही गेन्द पर पकिस्तान का आखरी विकेट गिर गया और हम 20-20 विश्व युद्घ क्रिकेट जीत गये।यह होते ही हमने चक दे इन्डीया गाना लगाया और खुशी से नाच उठे।
-ॠषित दवे
मंगलवार, 25 सितंबर 2007
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