मंगलवार, 18 सितंबर 2007
मेरा इंडिया का ट्रिप
मैं इस सुम्मेर वाकाशन में इंडिया गई थी। वहा पर मैंने बहूत चीज़े की। पहेले मैं न्यू देल्ही एअरपोर्ट में उतरी। वहा से मैं मेरी नानी के घर गई। उस शहर का नाम है बरेली। वहा पर मेरे मामा, मामी, ऊनके बच्चे, नानाजी, और नानी रहते है। वहा पे बहूत मजा आता है क्योकि कुछ काम नही करना पर्थ है। मेरी तीन ममीया है। वोह सब काम करती है। मैंने बरेली में हिमेश रेशम्मिया का फिल्म देखी। वह बहूत बूरी थी। ऊस्के बाद मजा थोडा कम होने लगा। ऊस्के बाद मैं मुम्बई गई। वहा पर मैं अपनी मौसी के परिवार के संग रही। मजा इसलिये कम हुआ क्योकि मुझे वोलुन्तीरिंग करना पडा। वोलुन्तीरिंग प्रोग्राम में मैंने अन्ग्रेसी और मैथ पढाया। कभी कभी बच्चे मेरी बात नही सुन रहे थे। मूझे ग़ुस्सा आ रहा था। लेकिन मैंने बहुत कोशिश कि ऊंको सम्झानेकी। जो बात मान रहे थे, वोह लोग क्लास में बहुत अच्चा कर रहे थे। वोही लोग आगे बढ़ पायेंगे। वोलुन्तीरिंग के अलावा मैंने बहुत साड़ी जीज़े देखी। मुम्बई का जुहू बाच देखा, और इंडिया गेट देखा। वहा पर मैंने एक बोट पेर छड़ी अपने मौसी के बच्चों साथ। बहुत मजा आया क्योकि बड़ी बड़ी लहेरें बोट को नचा रहीं थीं। फिर हमलोग ने कुईं'एस नेकलेस भी देखा सोभे और रात में भी। चोपाती में खाने में बहुत मजा आया। आख़िर मैं और मेरे कसिन भाई और बहन के साथ पर्त्नेर फिल्म और चक्दे इंडिया देखीं। मैंने इंडिया में कुल चे सफ्था रही। मुझे इंडिया कि अभिभी बहुत याद आ रही है। मैं अगले साल फिर जाऊंगी।
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