रविवार, 16 सितंबर 2007

“गणेशा”

आज के दिन भारत में गणेशोत्सव चालू हूआ है। गणेशोत्सव को गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और सन्स्क्रुति में कयी बार उसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पर गणेशजी का जन्मदिन हुआ था। उनके माता-पिता का नाम पार्वति-शिवा है। हिन्दू कलन्दर के हिसाब से यह उत्सव भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है।गणेशजी का वाहन मूषक है।उनको गणपति के नाम से भी जाना जाता है।उनका सिर हाथी जैसा है।इतिहास के हिसाब से एक बार उनके पिता शिवाजी को बहुत गुस्सा आ गया था और उन्होंने गणपति का सिर काट लिया था।यह देखकर उनकी माताजी को बहुत रोना आया और उन्होंने अपने पति से कहा कि कुछ भी करके गणेशजी को ठीक करदो। क्योंकि उन्हें सबसे पहले एक हाथी मिल गया तो उस हाथी का सिर गणपति पर लगा लिया।इसीलिये गणेशा को गजानन के नाम से भी जाना जाता है।गणेशजी का नाम हिन्दू मत के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले मान्य है।इसीलिये हर पूजा के पहले गणेशजी का नाम लिया जाता है। यह उत्सव एक से ग्यारह दिन के लिये मनाया जाता है जिसके अन्त पर उनकी मूर्ती को पानी में डुबोया जाता है।

-ॠषित दवे

कोई टिप्पणी नहीं: