बुधवार, 26 सितंबर 2007

समय का महत्त्व

समय का महत्त्व

‘काल करे सो आज कल , आज करे सो अब , पल में परले होएगी , बहूरी करेगा कब’ – कबीरदास

इस छोटी सी पन्क्ती से ही हमें समय के महत्त्व का पता चलता है।मैं इस बात को सिद्ध करना चाह्ता हू कि सही समय पर काम समाप्त करके ही लोग दुनिया में बहुत आगे निकलते है।

अब आप मिशिगन में पढनेवाले विद्यार्थियों को ही देखियें। यहा साधारण विद्यार्थियों को पढाई मुशकिल लगती है। असल में मुझे नहीं लगता है कि मिशिगन इतनी भी मुश्किल महाविद्यालय है । मैंने खुद के मामले में ही देखा है की जब मैं सहीं समय पर काम करता हू मुझे उस्स क्लास में बहुत अच्छे अन्क मिलते है। पर जब में अस्साईन्मेंट्स समय पर नहीं खत्म करता हू , क्लासेस में नहीं जाता हू या सहीं समय पर पढाई नहीं करता हू तो मैं उस्स क्लास में सफ़लता नहीं पाता हू।

बहुत ज़ोर लगा के भी पढने की ज़रूरत नहीं है।अगर आप सिर्फ़ दो घन्टे की भी पढाई रोज़ करेगे तो काफ़ी है। लेकीन हम इन्सान है और जब तक काम गले तक नहीं आ जाता हम काम पूरा नहीं करते हैं। यह बहुत गलत बात है और अगर हमें आगे बढना है तो हमें हमारी ज़िन्दगी अनुशासन से जीनी होगी।

आप को लग रहा होगा की में ऐसी बात क्यों कर रहा हू जो सब को मालूम है।इसका कारण यही है कि सब लोग इस बात को जानते हुए भी गलत राह पर चलते हैं।

-Shamin Asaikar

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