बुधवार, 3 अक्तूबर 2007

मिशिगन में हिन्दी का अभ्यास

मिशिगन में हिन्दी का अभ्यास

मैंने भारत में हिन्दी दसवीं कक्षा तक पढी थी। उसके बाद ग्यारावी और बारावी कक्षा में मुझे हिन्दी का विषय नहीं था। इसी कारण मेरा हिन्दी भाषा से संबन्ध टूटने लगा। सभी पढाई और काम की बातें अन्ग्रेज़ी में होती थी और फ़िज़ूल की बातें हिन्दी में। तो शुद्ध एवम सुन्दर हिन्दी बोलने का अवसर कम होता गया।

मुझे एक साल पहले ऐसा बिलकुल नहीं लगा था कि में फ़िर हिन्दी पढूंगा। पर जब मैंने मिशिगन के कोर्स गाईड को पढा मैंने सोचा की मुझे अपने हिन्दी को सुधारने का और एक मौका मिल रहा है। इस्सी कारण मैंने हिन्दी विषय को चुना।

इस क्लास में हिन्दी एक अलग अन्दाज से पढाया जाता है। भारत में शिक्षक इतने खुले विचार के नहीं थे। हमेशा यह रटों , वह रटों , इतनें पन्नों का निबंध लिखों वगेरा वगेरा। पर यहा हिन्दी के समझ को ज्यादा महत्व दिया जाता है। हिन्दी पढाने वाले जानते है कि कोई प्रेमचन्द हिन्दी जितना नहीं जानना चाहता है। हम सिर्फ़ हिन्दी सहीं तरह से बोलना और सहीं तरह से लिखना चाह्ते है ताकि हम हमारे सन्स्क्रुती के साथ सबन्ध जोडे रखे। इस्सी विचारों को में बहुत पसन्द करता हू।

-शमिन असयकर

2 टिप्‍पणियां:

Sanjeet Tripathi ने कहा…

बहुत बढ़िया!!
प्रयास जारी रखें
शुभकामनाएं।

संजय बेंगाणी ने कहा…

किसी भी भाषा को सिखने का यही सही तरीका है.