बुधवार, 10 अक्तूबर 2007

मुंबई की समस्यायें

भारत की राजधानी नयी दिल्ली है लेकिन असल में सबसे महत्त्वपूर्ण शहर मुंबई है। भारत के सबसे महान व्यापारी यहा रहते हैं और भारत के चालीस प्रतिशत पैसे यही से आते हैं। सिर्फ़ यही कारण हमारे इस शहर को सबसे महान बनाने में काफ़ि है।

यह शहर आज बहुत सारे समस्यायों का सामना कर रहा है। और यह समस्यायें भारत की प्रगति में बाधा डाल रही हैं। हर साल ट्राफ़िक की समस्या और भी बुरी होती जा रही हैं। प्रदूषण तो इतना सार है कि अपने छाती में छ्ह धूम्रपान करने के जितना धुआ जाता है। और फ़िर सब लोग वार्षिक पूरों के बारे में तो जानते ही हैं। यह तो मुंबई कि बहुत ही पुरानी और बेकार ड्रेनेज सिस्टम का परिणाम हैं। कयी आतन्क्वादी भी इस शहर को बरबाद करने का लक्ष्य बनाते हैं। बमस्फ़ोट तो मानो साधारण हो गये हैं।

लेकिन हात पे हात बैठे रहने से कुछ नही होने वाला है। और सरकार अब सही कदम उठाने की कोशिश कर रही है। मुंबई में 2010 तक 55 फ़्लाईओवर्स बन जाने वाले हैं जो ट्राफ़िक को अच्छी तरह से सम्भाल पायेन्गे। सी-एन-जी रिक्षा, टेक्सी और शायद बस भी आने से प्रदूषण भी शायद कम हो जायेगा। सिविल इन्जीनियर्स शहर से बारिश का पानी निकालने लिये नयी तक्नीक इस्तमाल कर रहे हैं। आतन्क्वादियों को पकड ने के लिये सरकार ने बहुत सारे ऍन्टी टेररिस्ट टीम्स को इकट्टा किया हैं।

-शमिन असयकर

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